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Rajasthan Art and Culture IMPORTANT Questions and Answer in Hindi राजस्थान कला एवं संस्कृति के प्रश्न व उत्तर हिन्दी में

SET NO 2


101
‘अन्य सब दुर्ग नंगे ...’
रणथम्भौर दुर्ग (सवाई माधोपुर) के सात पहाड़ियों से घिरे होने के कारण अबुल फजल ने कहा “अन्य सब दुर्ग नंगे है, यह बख्तर बंद है।“
102
भवाई नृत्य के जन्मदाता
बाघा जी
103
प्रसिद्ध बहरूपिया कलाकार
जानकीलाल भांड (भीलवाड़ा), धनरूप भांड (जोधपुर)
104
पाटा संस्कृति
बीकानेर की देन
105
रस्मतें
रस्मतें मूल रूप से जैसलमेर की देन है। बीकानेर में भी प्रचलित। होली के समय रस्मत खेलने वालों को खेलार कहा जाता है।
106
तमाशा
जयपुर के बंशीधर भट्ट प्रवर्तक, मूलतः मध्यप्रदेश की कला
107
चारबैंत लोकगायन शैली
टोंक
108
कुचामणी ख्याल के प्रवर्तक
लच्छीराम
109
शेखावटी ख्याल के प्रवर्तक
नानूलाल गंधर्व
110
हेला ख्याल कहाँ
सवाई माधोपुर
111
कन्हैया ख्याल
भरतपुर
112
गुणी जन खाना
जयपुर के सवाई प्रतापसिंह के समय संगीत के 22 कलाकारों को गंधर्व बाईसी/गुणीजन खाना कहते थे।
113
गवरी नृत्य के अन्य नाम
राई नृत्य, राई पुरिया नृत्य
114
धनरूप भांड
मारवाड़ के राजा मानसिंह ने इसे जागीर प्रदान की।
115
टेरीकोटा
टेरीकोटा की मूर्तियाँ के लिए प्रसिद्ध स्थान मोलेला गाँव (राजसमन्द) है। मोहनलाल इसके प्रसिद्ध कलाकार है।
116
अजरख प्रिंटिंग
बाड़मेर
117
बगरू
बेल बूंटों की ठप्पा प्रिंटिंग के लिए प्रसिद्ध बगरू गाँव जयपुर में है।
118
सांगानेरी छीपे
नामदेवी छीपे कहलाते है
119
ब्ल्यू पॉटरी
जयपुर, कृपाल सिंह शेखावत व अनिल दोराया इसके प्रसिद्ध कलाकार है। यह कला मूलतः पर्शिया (ईरान) की देन है
120
ब्लैक पॉटरी
कोटा
121
कागजी
अलवर, पतले बर्तन बनाने की कला को
122
जस्मा ओडन
भवाई नृत्य पर आधारित शांता गाँधी का नाटक
123
राजस्थानी का उद्भव किस अपभ्रंश से
शौरसेनी अपभ्रंश से
124
देलवाड़ा के जैन मंदिर
माउन्ट आबू (सिरोही)
125
तीर्थों का मामा
पुष्कर (अजमेर)
126
तीर्थों का भांजा
मंचकुण्ड (धौलपुर)
127
बीकानेर में RTDC का होटल
ढोला-मारू
128
अजमेर में RTDC का होटल
खादिम, खिदमत
129
जयपुर में RTDC का होटल
गणगौर, स्वागतम, तीज
130
जोधपूर में RTDC का होटल
घूमर
131
सरिस्का (अलवर) में RTDC का होटल
टाइगर डेन
132
नाथद्वारा (राजसमन्द) में RTDC का होटल
गोकुल
133
जैसलमेर में RTDC का होटल
मूमल
134
पुष्कर में RTDC का होटल
सरोवर, पर्यटक ग्राम
135
रणकपुर (पाली) में RTDC का होटल
शिल्पी
136
रामगढ़ (जयपुर) में RTDC का होटल
झील ग्राम
137
उदयपुर में RTDC का होटल
कजरी
138
ऋषदेव (उदयपुर) में RTDC का होटल
गवरी
139
सिलीसेढ़ (अलवर) में RTDC का होटल
लेक पैलेस
140
भरतपुर में RTDC का होटल
सारस
141
माउन्ट आबू में RTDC का होटल
शिखर, पुरजन निवास
142
हल्दीघाटी (राजसमन्द) में RTDC का होटल
चेतक
143
चित्तोडगढ़ में RTDC का होटल
पन्ना
144
सवाई माधोपुर में RTDC का होटल
विनायक
145
फतेहपुर (सीकर) में RTDC का होटल
हवेली
146
पाली में RTDC का होटल
पणिहारी
147
झालावाड़ में RTDC का होटल
चन्द्रावती
148
बाड़मेर में RTDC का होटल
खड़ताल
149
नागौर में RTDC का होटल
कुरजां
150
चूरू में RTDC का होटल
चिरमी
151
प्रथम हेरिटेज होटल
अजित भवन (जोधपुर)
152
हॉर्स सफारी
पुष्कर (अजमेर), कार्तिक पूर्णिमा
153
ऊँट महोत्सव
बीकानेर, पौष पूर्णिमा
154
थार महोत्सव
बाड़मेर, मार्च
155
मरू महोत्सव
जैसलमेर, माघ पूर्णिमा
156
हाथी महोत्सव
जयपुर, फाल्गुन पूर्णिमा (होली)
157
गणगौर महोत्सव
जयपुर, उदयपुर, चैत्र शुक्ल तृतीया
158
मारवाड़ महोत्सव

159
ग्रीष्म महोत्सव
माउन्ट आबू में 1 से 3 जून
160
बादशाह मेला
ब्यावर, धुलण्डी के दो दिन बाद
161
बादशाह की सवारी
कोटा, होली पर
162
गणेश चतुर्थी
भाद्रपद शुक्ल 4
163
हरियाली अमावस्या
श्रावण अमावस्या
164
बच्छबारस
भाद्रपद कृष्णा 12
165
जन्माष्टमी
भाद्रपद कृष्ण 8
166
गुरु पूर्णिमा
आषाढ़ पूर्णिमा
167
शरद पूर्णिमा
आश्विन पूर्णिमा
168
अक्षय तृतीय
वैशाख शुक्ल 3
169
हाड़ोती का सबसे बड़ा मेला
सिताबाड़ी मेला (बारां), सहरियों का कुंभ, ज्येष्ठ अमावस्या को
170
सिक्खों का सबसे बड़ा मेला
साहवा का मेला (चूरू)
नोट : राजस्थान का सबसे बड़ा गुरुद्वारा बुड्ढा जोहड़ (श्रीगंगानगर)
171
देव शयनी एकादशी
आषाढ़ शुक्ल 11
172
देव उठनी एकादशी
कार्तिक शुक्ल 11
173
बुद्ध पूर्णिमा
वैशाख पूर्णिमा
174
अनन्त चतुर्दशी
भाद्रपद शुक्ला 14
175
ब्राह्मणी माता का मंदिर
बारां, पीठ की पूजा
176
जीणमाता का मंदिर
रेवासा धाम (सीकर) प्रतिदिन ढाई प्याले शराब पिलाने का रिवाज
177
मारवाड़ी व्याकरण के रचयिता
रामकरण आसोपा
178
“टाबराँ री बाताँ” के रचयिता
लक्ष्मी कुमारी चुण्डावत
179
“रूठी रानी” के रचयिता
केसरीसिंह बारहठ
180
राजस्थानी शब्दकोष
सीताराम लालस
181
कान्हडदे प्रबंध
कवि पद्मनाथ
182
गंगा लहरी के रचयिता
पृथ्वीराज राठौड़
183
सती रासौ के रचयिता
सूर्यमल्ल मिश्रण
184
खुमाण रासौ के रचयिता
दलपति विजय
185
विजयपाल रासौ के रचयिता
नल्लसिंह
186
हमीर रासौ के रचयिता
शारंगधर (जोधराज)
187
वीर विनोद के रचयिता
श्यामलदास
188
वैराग्य सागर के रचयिता
नागरीदास
189
हम्मीर महाकाव्य के रचयिता
नयचन्द्र सुरि
190
“सेनाणी”, “चंवरी” के रचयिता
मेघराज मुकुल
191
“कनक सुन्दर” के रचयिता
शिवचंद भरतिया
192
“हूँ गोरी किण पीव री” के रचयिता
यादवेन्द्र शर्मा ‘चन्द्र’
193
“ढोला मारू रा दूहा” के रचयिता
कवि कल्लोल
194
“बातां री फुलवारी” के रचयिता
विजयदान देथा
195
“राजिया रा सोरठा” के रचयिता
कृपाराम
196
“मैकती काया मुलकती धरती” के रचयिता
अन्नाराम सुदामा
197
“पगफैरों” “सुधि सपनों के तीर” के रचयिता
मणि मधुकर
198
“एक बीनणी दो बींद” के रचयिता
श्री लाल नथमल जोशी
199
“प्रबंध चिंतामणि” के रचयिता
मेरुतुंग (भौज परमार के राजकवि)
200
“सुर्जन चरित्र” के रचयिता
कवि चंद्रशेखर

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