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Rajasthan Art and Culture IMPORTANT Questions and Answer in Hindi राजस्थान कला एवं संस्कृति के प्रश्न व उत्तर हिन्दी में

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1
तेजाजी की घोड़ी का नाम
लीलण
2
पाबूजी की घोड़ी का नाम
केसरकालमी
3
देवजी की घोड़ी का नाम
लीलाधर
4
रामदेवजी के घोड़े का नाम
लीला घोड़ा/रेवंत
5
एक मात्र लोकदेवता जो कवि भी थे
रामदेवजी (चौबीस बाणियां, इनका प्रसिद्ध ग्रन्थ है)
6
‘पाबू-प्रकाश’ के रचयिता
आशिया मोड़जी
7
शीषमेड़ी
ददरेवा (चूरू) क्योंकि महमूद गजनवी से युद्ध करते समय लोकदेवता गोगाजी का शीश (सिर) यहाँ गिरा था
8
धुरमेड़ी
नोहर (हनुमानगढ़), क्योंकि युद्ध करते समय गोगाजी का धड़ यहाँ गिरा था। इसे गोगामेड़ी भी कहते है।
9
घोड़ला
तेजाजी के पुजारी को
10
प्लेग रक्षक देवता
पाबूजी
11
कुष्ठ रोग निवारक देवता
रामदेव जी
12
फड़ चित्रकारी का प्रमुख केंद्र
शाहपुरा (भीलवाड़ा)
13
पाबूजी की फड़ कौन बांचता है व कौन से वाद्य यंत्र से
नायक जाति (भीलों में) के भोपे, रावण हत्था वाद्य यंत्र से
14
रामदेवजी की फड़ कौन बांचता है व कौन से वाद्य यंत्र से
कामड़ जाति के भोपे, रावण हत्था यंत्र के साथ
15
देवजी की फड़ कौन बांचता है व कौन से वाद्य यंत्र से
गुर्जर जाति के भोपे, जंतर वाद्य यंत्र के साथ
16
मांगलियों के ईष्ट देव
मेहाजी
17
भूमि रक्षक देवता
भोमियाजी
18
वर्षा के देवता
मामादेव
19
गोगाजी के पुत्र
केसरिया कुंवर जी
20
रामदेवजी के माता, पिता, पत्नी, भाई, बहन, गुरु का नाम
माता – मैणा दे 
पिता – अजमल जी तंवर
पत्नी – नेतल दे
भाई – वीरम देव
बहन – लाछाबाई, सुगनाबाई व मुहबोली बहन – डाली बाई
गुरु – बालिनाथ
21
गाड़ी की पूजा किसकी
हड़बू जी के पूजा स्थल बैंगटी (फलौदी) में हड़बू जी की छकड़ा गाड़ी की पूजा की जाती है। इसमें हड़बू जी पंगु गायों के लिए दूर-दूर से चारा लाते थे।
22
शेषनाग के अवतार
वीर कल्लाजी राठौड़
23
जाहरपीर
गोगाजी को, महमूद गजनवी ने कहाँ
24
कृषि कार्यो के उपकारक देवता
तेजाजी
25
कृष्ण अवतार
रामदेवजी
26
लक्ष्मण अवतार
पाबूजी
27
चार हाथ वाले लोकदेवता
वीर कल्लाजी
28
वर्षा के बाद खेत जोतने से पहले किसके नाम की राखी
गोगाजी के नाम की ‘गोगा राखड़ी’ बांधते है।
29
विष्णु का अवतार
देवनारायण जी
30
जोधा को तलवार भेंट करने वाले
हड़बू जी 
31
रामदेवजी ने कौनसा पंथ
कागड़ियाँ पंथ चलाया
32
बगड़ावत महाभारत
लोक देवता देवनारायण जी के युद्धों से सम्बंधित
33
जम्मा
रामदेवजी की आराधना में उनके मेघवाल भक्त ‘रिखियों’ द्वारा किया जाने वाला रात्रिकालीन सत्संग/भजन
34
तेरहताली नृत्य
कामड़ पंथ की महिलाओं द्वारा बैठकर किये जाने वाले एकमात्र नृत्य जो रामदेवजी की आराधना में किया जाता है
35
गुर्जरों का तीर्थ स्थान
सवाईभोज, आसीन्द (भीलवाड़ा)
36
कौन से लोक देवता मीरा के भतीजे
वीर कल्लाजी राठौड़
37
कौन से लोक देवता ने अकबर से युद्ध किया
वीर कल्ला जी राठौड़ ने 1567 ई. में उदयसिंह के पक्ष में। जयमल पत्ता सहित शहीद
38
कौनसे लोक देवता ने गजनवी से युद्ध किया
गोगाजी
39
लूटेरे लोक देवता
डूंग जी – जवाहर जी (सीकर), अंग्रजों से धन लूट कर गरीबो को बांटते थे।
40
लाछा गुर्जर की गायों को किसने छुड़ाया
तेजाजी ने मेर के मीणाओं से छुड़ाया
41
देवल चारणी की गायों को किसने छुड़ाया
पाबूजी ने अपने बहनोई जिन्दराज खिंची से छुड़ाया
42
गोगाजी का प्रतीक चिन्ह
पत्थर पर अंकित सर्प
43
पाबूजी का प्रतीक चिन्ह
घोड़े पर सवार हाथ में भाला लिए हुए तथा बायीं ओर झुकी हुई पाग (पगड़ी)
44
रामदेवजी का प्रतीक चिन्ह
पगल्यां (पत्थर पर अंकित पैर के निशान
45
बीकानेर के जाखड़ समाज के कुल देवता
वीर बिग्गा जी
46
भैरव राक्षस
इस मायावी राक्षस का अंत लोक देवता रामदेवजी ने किया
47
सर्पदंश से मृत्यु
सुरसरा (किशनगढ़, अजमेर) में जीभ पर साँप के काटने से लोक देवता तेजाजी की मृत्यु हुई
48
ओरण के देवता
बाबा तल्लीनाथ
49
हड़बू जी का वाहन
सियार
50
गोगा मेड़ी मेला
नोहर (हनुमानगढ़) में भाद्रपद कृष्ण नवमी को
51
ऊँटों के देवता
पाबूजी
52
रामदेवजी की पंचरंगी ध्वजा
नेजा
53
कल्लाजी के गुरु
भैरवनाथ
54
भीलों का प्रयागराज
बेणेश्वर (डूंगरपुर) सोम, माही व जाखम का संगम स्थल
55
मीणाओं का प्रयागराज
रामेश्वर घाट (सवाईमाधोपुर) चम्बल, बनास व सीप का संगम स्थल
56
बिश्नोई समाज का प्रवर्तन कब, कहाँ और किसने
1485 ई. में, सम्भराथल (बीकानेर), जाम्भोजी ने
57
बिश्नोई सम्प्रदाय कितने नियमो का पालन
29
58
जसनाथी सम्प्रदाय कितने नियमों का पालन
36
59
दादू पंथ के सत्संग स्थल
अलख-दरीबा कहलाते है
60
राजस्थान की राधा
मीराबाई
61
वागड़ की मीरा
गँवरी बाई 
62
राजस्थान का कबीर
संत दादू दयाल
63
दादू पंथियों की प्रधान गद्दी
नरायणा (जयपुर)
64
जसनाथ जी को कतरियासर किसने भूदान में दिया
सिकन्दर लोदी
65
सिद्ध रुस्तमजी ने किसको परचा दिखलाया
औरंगजेब
66
नाई जाति की कुल देवी
नारायणी देवी
67
डामोर के घर
घेर
68
सहरिया के घर
टापरी
69
भीलों के घर
कू
70
52 स्तम्भ
रामानंद जी के शिष्यों को
71
राजस्थान में भक्ति आन्दोलन के प्रणेता
संत धन्ना (रामानंद जी के शिष्य)
72
हरडेबानी
रज्जब जी (दादू दयाल जी के शिष्य) द्वारा रचित
73
निष्कलंक सम्प्रदाय
संत मावजी द्वारा स्थापित
74
रामस्नेही सम्प्रदाय के प्रवर्तक
संत रामचरण (शाहपुरा, भीलवाड़ा)
75
संत पीपाजी
गागरोन (झालावाड़) में जन्म, समदड़ी (बाड़मेर) में मंदिर, वास्तविक नाम – प्रतापसिंह
76
हाकड़ा समुन्द्र को आचमन
आवड़ माता (जैसलमेर) ने
77
शीतला माता की सवारी व पुजारी
सावरी – गधा, पुजारी – कुम्हार
78
मीणा किसकी झूठी कसम नहीं खाते ?
भूरिया बाबा (गौतमेश्वर) की
79
भील किसकी झूठी कसम नहीं खाते ?
केसरिया नाथ जी (धुलेव, उदयपुर) पर चढ़ी केसर का पानी पीकर
80
कंजर किसकी झूठी कसम नहीं खाते ?
हाकिम राजा का प्याला पी कर
81
दशहरे को कौन से पक्षी
लीलटांस पक्षी का दर्शन शुभ माना जाता है
82
‘अरजन-सुरजन’ किसके भाई
गोगाजी के मौसेरे भाई
83
गोड़िया सम्प्रदाय की प्रमुख पीठ
गोविन्द जी का मंदिर (जयपुर)
84
रामानंद सम्प्रदाय का प्रमुख पीठ
गलता जी (जयपुर)
85
निम्बार्क सम्प्रदाय की प्रमुख पीठ
सलेमाबाद (अजमेर), इसे राधावल्लभ सम्प्रदाय व सनकादि सम्प्रदाय भी कहते है।
86
रामस्नेही सम्प्रदाय की पीठें
1 - रैण (नागौर) – संत दरियाव जी
2 – शाहपुरा (भीलवाड़ा) – संत रामचरण
3 – सिंहथल (बीकानेर) – हरिराम जी
4 – खेड़ापा (जोधपुर) – रामदास जी
87
पुष्टि मार्ग का प्रमुख केंद्र
नाथद्वारा (राजसमन्द)
88
लालदासी सम्प्रदाय की प्रमुख पीठ
नगला (भरतपुर)
89
जाम्भोजी ने बिश्नोई पंथ को कहा
प्रहलाद पंथी बिश्नोई
90
शिला देवी का मंदिर
जयपुर, पूर्वी बंगाल के राजा केदार को हराकर जयपुर के राजा मानसिंह प्रथम यह मूर्ति लाये
91
करणीमाता का मंदिर
देशनोक (बीकानेर), चारण समाज की कुलदेवी
92
समय अंकित सर्वप्राचीन मंदिर 
शीतलेश्वर महादेव मंदिर (689 ई.)
93
राणी सती का मंदिर
झुंझुनू
94
केला देवी का मंदिर
करौली
95
जैन स्वर्ण मंदिर
फालना (पाली)
96
स्थापत्य कला का जनक
राणा कुम्भा
97
राजस्थान का जिब्राल्टर
तारागढ़ (अजमेर)
98
किलों का सिरमौर
चित्तोडगढ़, सोनारगढ़ (जैसलमेर)
99
‘यह दुर्ग इतनी बुलन्दी.....’
कुम्भलगढ़ (राजसमन्द) किले की अत्यधिक ऊंचाई को देखते हुए अबुल फजल ने कहा “यह दुर्ग इतनी बुलन्दी पर बसा हुआ है कि नीचे से देखने पर सिर की पगड़ी गिर जाती है।”
100
मेवाड़ की आँख
कटारगढ़ (कुम्भलगढ़) को

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