बूंदी शैली Bundi style
बूंदी शैली राजस्थान की विचारधारा का
प्रारंभिक केंद्र था।
राव उम्मेदसिंह
इनके समय बूंदी शैली का सर्वाधिक विकास
हुआ
इस शैली का राव उम्मेदसिंह द्वारा जंगली
सूअर का शिकार करते हुए एक चित्र प्रसिद्ध है जिसका निर्माण 1750 ई में हुआ।
इस शैली में शिकार के चित्र हरे रंग में
बनाये गये है।
चित्रशाला (रंगविलास/रंगीन चित्र)
राव उम्मेदसिंह के शासनकाल में निर्मित बूंदी
चित्रकला का उत्कृष्ट रूप प्रस्तुत करती है।
इस शैली में निर्मित भित्ति चित्रों में
हाड़ा शासकों के शौर्य, पराक्रम तथा विलासिता का चित्रित किया गया है।
चटकीले रंगों का प्रयोग इस शैली के
चित्रों की विशेषता है।
कोटा बूंदी क्षेत्र राजस्थान की सभी
रियासतों के भित्ति चित्रों की दृष्टी से सर्वाधिक विकसित क्षेत्र रहा है।
प्रमुख चित्र
पशु-पक्षी के चित्र
फल-फूलों के चित्र
रागमाला (सर्वाधिक प्रमुख चित्र)
दरबार
घुड़दौड़
राग-रंग
बसंत रागिनी
बारहमासा
वासुकसज्जा नायिका
कृष्णलीला
रागमाला
बूंदी शैली का विश्व प्रसिद्ध चित्र
इस चित्र का निर्माण बूंदी के हाड़ा शासक
राव रतनसिंह के समय हुआ।
प्रमुख चित्रकार
सुर्जन
रामलाल
अहमद अली
प्रमुख विशेषताएं
बारीक वस्त्र, मोटे गाल, आम के पत्तों
जैसी आँखे, गुम्बज, नुकीली नाक, छोटा कद
बूंदी शाली में लाल व पीले रंगों का
प्रयोग सर्वाधिक किया गया है।
इस शैली में प्रमुखत: खजूर के वृक्ष को
चित्रित किया गया है।
वर्षा में नाचता हुआ मोर राजस्थान की
विशेषता है तथा यह क्षेत्र इसके लिए प्रसिद्ध है।
बूंदी शैली मुख्यतः मेवाड़ शैली से
प्रभावित थी।
राजा रामसिंह, राव गोपीनाथ, छत्रसाल और
बिशनसिंह आदि ने बूंदी शैली को विशेष प्रोत्साहन दिया
इस शैली में मुख्यतः बत्तख, हिरण व शेर
जैसे पशुओं को चित्रित किया गया है।
किस शैली में होली के चित्र मिलते है?
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ReplyDeleteआप ने बहुत अच्छी जानकारी दिया है इस लेख में परन्तु और भी विस्तार वर्णन के लिए यहाँ से जानकारी मिल सकती है https://educationinhindi.com/किशनगढ़-शैली/
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