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Rajasthan Art and Culture IMPORTANT Questions and Answer in Hindi राजस्थान कला एवं संस्कृति के प्रश्न व उत्तर हिन्दी में

SET NO 4



301
लोहे की कड़ी से बना वाद्य
मोरचंग / मुखचंग
302
बकरी की खाल से बना थेलेनुमा वाद्य
मशक
303
भेरू जी के भोपों का वाद्य
मशक
304
कद्दू की गोल तुम्बी में बांस फँसाकर
इकतारा वाद्य यंत्र बना जाता है।
305
नारियल के आधे कटोरे पर खाल मढ़कर
रावणहत्था वाद्य यंत्र बनाया जाता है।

306
रोहिड़ा की खोखली लकड़ी से बना वाद्य
चौतास/तंदूरा/वीणा
307
‘मत्त कोकिल वीणा’ का वर्तमान नाम
सुरमण्डल/स्वरमण्डल
308
मेव लोगों का वाद्य
चिकारा (सारंगी का छोटा रूप) तुन लकड़ी से बनता है।
309
भपंग का जादूगर
जहूर खां मेवाती (अलवर)
310
प्रसिद्ध तेरहताली नर्तकियाँ
माँगी बाई, दुर्गा देवी
311
उमा शर्मा
कत्थक नृत्य
312
श्रेष्ठा सोनी
भवाई नृत्य
313
फलकुबाई
चरी नृत्य
314
गुलाबो
कालबेलिया नृत्य
315
चाँद मोहम्मद खां
शहनाई वादक
316
कमल साकर खां
कमायचा वादक
317
पेपे खां
सुरणई वादक
318
गुलिस्तां
शेखसादी द्वारा जवाहरतों की स्याही से लिखा काव्य वर्तमान में अलवर में रखा है।
319
न्हाण महोत्सव
सांगोद (कोटा) में होली पर
320
लव-कुश का जन्म स्थान
सिताबाड़ी (बारां)
321
कनफड़े नाथों का तीर्थस्थल
भर्तृहरि (अलवर)
322
केला देवी की आराधना में कौन सा गीत
लांगुरिया
323
सर्वाधिक सांसी जनजाति
भरतपुर
324
बत्तीसी
वर/वधू के ननिहाल में निमंत्रण देने जाना।
325
तुलसी पूजन
कार्तिक शुक्ला 11
326
भैया दूज
कार्तिक शुक्ला 2
327
हरियाली अमावस्या
श्रावण अमावस्या
328
बड़ अमावस्या
ज्येष्ठ अमावस्या
329
ख्वाजा साहब का उर्स
रज्जब की पहली तारीख से नौवीं तारीख तक
330
माता कुण्डालिनी का मेला
वैशाख पूर्णिमा, रासमी (चित्तोडगढ़)
331
गधों का मेला
भावगढ़ बन्ध्या लुणियावास (जयपुर), अक्टूबर माह में।
332
“शिशुपाल वध” के रचयिता
महाकवि माघ
333
सर्वप्राचीन मस्जिद
अलाउद्दीन की मस्जिद (1311) जालौर
334
सर्वाधिक डामोर जनजाति
सीमलवाड़ा (डूंगरपुर)
335
सर्वाधिक मीणा जनजाति
जयपुर
336
सर्वाधिक सहरिया जनजाति
बारां (शाहबाद व किशनगंज)
337
सर्वाधिक गरासिया जनजाति
सिरोही (आबू व पिण्डवाड़ा)
338
सर्वाधिक कथौड़ी जनजाति
उदयपुर
339
सर्वाधिक भील जनजाति
उदयपुर
340
टूंटिया
बारात जाने के पश्चात पीछे घर में वर पक्ष की महिलाओं द्वारा किया जाने वाला स्वांग
341
मंकी मेन
जानकीलाल भांड को (भीलवाड़ा)
342
संगीत दंगल
तालबन्दी गायिकी है, पूर्वी राजस्थान में प्रसिद्ध
343
हाड़ोती का सुरंगा मेला
चन्द्र भागा पशु मेला (झालावाड़), कार्तिक पूर्णिमा
344
सपेरे नाथों के गुरु
कणीपाव/कृष्णपाद
345
जुरहरा की रामलीला
सवारी जुलुस के लिए प्रसिद्ध, भरतपुर
346
मूकाभिनय के लिए प्रसिद्ध रामलीला
बिसाऊ (झुंझुनू)
347
अटरू के रामलीला की विशेषता
अटरू (बारां) की रामलीला को ‘धनुष लीला’ कहते है जिसमे शिवधनुष को दर्शक तोड़ते है।
348
चुनरी कहाँ की प्रसिद्ध
जोधपुर
349
मसूरिया डोरियाँ की साड़ियाँ
कैथून (कोटा)
350
कसूमल रंग
गहरा केसरिया रंग/लाल रंग
351
फतै-फतै
जसनाथी सिद्ध घूणा की अग्नि में प्रवेश करते समय बोलते है।
352
सिकलीगर घराना
उदयपुर, चाँदी के शस्त्र बनाने हेतु विख्यात
353
सवाल-जवाब वाली ख्याल
तुर्रा-कलंगी
354
संत तारकीन शाह की दरगाह
नागौर
355
क्लॉथ आर्ट के प्रणेता
कैलाश जागेटिया
356
जौहर बाई व बन्नो बैगम
जयपुर की प्रसिद्ध मांड गायिका
357
अल्लाह जिल्लाह बाई
बीकानेर की प्रसिद्ध मांड गायिका
358
गवरी देवी
जोधपुर की प्रसिद्ध मांड गायिका
359
किशन शर्मा
बेंगू (चित्तोडगढ़) का, राई व चावल के डेन पर चित्र बनाने के लिए प्रसिद्ध
360
सिन्धी, गुजरातन, डेढ़पसली किसके प्रकार
सारंगी
361
भोपे किसे देवताओं का वाद्य कहते है ?
जंतर को (भोपों का प्रमुख वाद्य यंत्र रावणहत्था है )
362
चेचक निवारक देवी
शीतलामाता
363
भीलों का छोटा गाँव
पाल
364
‘मीणा’ का शाब्दिक अर्थ
मछली
365
‘भील’ का शाब्दिक अर्थ
बील (तीर-कमान)
366
टॉड ने किसे वनपुत्र
भील को
367
कंजर का शाब्दिक अर्थ
काननचार अर्थात् जंगल में विचरण करने वाला
368
मीणा पुराण
मुनि मगन सागर द्वारा रचित
369
भीलों की तंग धोती
ढेपाड़ा कहलाती है
370
‘फाइरे-फाइरे’
भील जनजाति का रणघोष
371
पाती मांगना
कंजर जनजाति द्वारा लूट से पहले ईश्वर का आशीर्वाद लेना व लूट में हिस्सेदारी (पाती) का वायदा करना
372
हुर्रे
गरसिया लोगों का मृत्यु के बाद बना स्मारक
373
बीजा और माला
साँसी जनजाति के दो भाग
374
हमेलो
आदिवासियों का लोकानुरंजन मेला, उदयपुर में
375
अपराध वृत्ति के लिए कुख्यात जनजाति
कंजर
376
टोटम
भील जनजाति के लोकदेवता/पशु-पक्षी, पेड़-पौधों को पवित्र मानकर पूजा करना
377
कत्था बनाने वाली जनजाति
कथौड़ी (उदयपुर)
378
डामोर जनजाति की पंचायत का मुखिया
मुखी
379
गरासिया का मृत्युभोज
कांदिया
380
भराड़ी
भीलों के विवाह पर बनाया जाने वाला देवी का भित्ति चित्र
381
पारिख दुर्ग
जिसका चारों तरफ गहरी खाई हो
382
धान्वन दुर्ग
जिसके चारों तरफ रेत के टीले हो
383
सहाय दुर्ग
जिसमें सहायक/रिश्तेदार रहते है
384
गिरी दुर्ग
पहाड़ी पर बना दुर्ग
385
उड़णा कुंवर
पृथ्वीराज (मेवाड़ के रायमल का पुत्र)
386
अजय दुर्ग
लोहागढ़ (भरतपुर)
387
जिस दुर्ग के दरवाजे दुश्मन नहीं खोल सके
जालौर का दुर्ग
388
गर्भ गुंजन तोप
बूंदी
389
मिट्टी का किला
लिहागढ़ (भरतपुर)
390
नकटी माता का मंदिर
जयपुर में
391
शुक्र तालाब
1570 में अकबर ने नागौर में बनवाया
392
राजस्थान का पहला हिन्दी उपन्यास
अबलाओं का इंसाफ (1927 में अंबिकादत्त व्यास द्वारा रचित)
393
‘वाग्द्वार’ के रचयिता
प्रो. कल्याणमल लोढ़ा
394
‘रंगीला मारवाड़’
भरत व्यास द्वारा रचित
395
पीपाजी का जन्म स्थान
गागरोण (झालावाड़)
396
रामदेवजी का जन्म स्थान
उण्डू काश्मीर (बाड़मेर)
397
पाबूजी का जन्म स्थान
कोलूमण्ड गाँव (फलौदी, जोधपुर)
398
तेजाजी का जन्म स्थान
खरनाल (नागौर)
399
सबसे बड़ा पशु मेला
वीर तेजाजी पशु मेला (परबतसर, नागौर)
400
बड़ी तीज
भाद्रपद कृष्ण 3

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